Poetry

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Nari_Tu_Pahad_Ki Poetry UK Academe

Nari Tu Pahad Ki

चढ़ने को जिस शिखर पर नज़र तक डरती हैबोझ ढोकर तू वहां से सहज उतरती हैसूर्य की किरण जहाँ झांकने से कांपती है उन वि...

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Sinhanaad Poetry UK Academe

Sinhanaad

उतराखण्ड की माटी ने सदियों से अनेकों अनेक वीरों को जन्म दिया है। एक से एक वीर- बहादुर सैनिकों की वीरता की गाथा...

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Kakh_Holee_Meri_Daandee_Va_Kaanthi Poetry UK Academe

Kakh Holee Meri Daandee Va Kaanthi

अपने वतन(प्रदेश),घर से अधिक दिनो तक दूरी मनुष्य तो क्या पशु पक्षी भी बरदशत नहीं कर सकते। फिर मनुष्य तो सामाजिक...

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Myaar_Kameda_Aakhar Poetry UK Academe

Myaar Kameda Aakhar

म्यार ददा न सन्दूण तख्ता चिरी कनवे तै बंसूलु लछे अर रंदा घिसी कनम्यार बुबा कुणी चिपळी सी पाटी बणायीयी पाटी मा ...

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Khuded_Beti Poetry UK Academe

Khuded Beti

'खुदेड़ बेटी' कविता में कवि ने मायके की याद में तड़फती एक बेटी का गढ़वाली भाषा मे बड़ा ही हृदय विदारक एवम् मार्मिक...

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Utha_Garhwaliyo Poetry UK Academe

Utha Garhwaliyo

उठा गढ़बालियों - कविता – उठा गढ़बालियों, अब त समय यो सेण[को नीछ।तजा यीं मोह-निद्रा कू अजौं तैं जो पड़ीं ही छ।अ...

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Virah Poetry UK Academe

Virah

विरह - कविता – आयो चैतर मास, सुणा दौं मेरी ले सासवण-वणूडें सबी मौली गैन, चीटें मौली गैन घासस्वामी मेरो परदेस ग...

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Kuchh_Nee_Kannee_Sarakaar Poetry UK Academe

Kuchh Nee Kannee Sarakaar

कुछ नी कन्नी सरकार - कविता – ये व्यंग्य रुपी कविता उन अकर्मण्य लोगों को समर्पित है जो कि अपने-आप तो कुछ नहीं...

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Chhaanchh_Chholi_Raudi Poetry UK Academe

Chhaanchh Chholi Raudi

छाँछ छोली रौड़ी - कविता – छाँछ छोली रौड़ी,डाँड मा फूल फूल्याँ, आई रितु बौड़ी।खणी जालो च्यूणो,चार दिन होन्द, मन...

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Buro_Sang Poetry UK Academe

Buro Sang

बुरो संग - कविता – अकुलौ 1 माँ माया 2 करी, कैकी 3 बी नी पार तरी।बार बिथा सिर थरी , कू रोयेंद ।जख तख मिसे लांद,...

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Nari_Tu_Pahad_Ki Poetry UK Academe

Nari_Tu_Pahad_Ki

चढ़ने को जिस शिखर पर नज़र तक डरती हैबोझ ढोकर तू वहां से सहज उतरती हैसूर्य की किरण जहाँ झांकने से कांपती है उन वि...

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अपने वतन(प्रदेश),घर से अधिक दिनो तक दूरी मनुष्य तो क्या पशु पक्षी भी बरदशत नहीं कर सकते। फिर मनुष्य तो सामाजिक...

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Myaar_Kameda_Aakhar

म्यार ददा न सन्दूण तख्ता चिरी कनवे तै बंसूलु लछे अर रंदा घिसी कनम्यार बुबा कुणी चिपळी सी पाटी बणायीयी पाटी मा ...

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'खुदेड़ बेटी' कविता में कवि ने मायके की याद में तड़फती एक बेटी का गढ़वाली भाषा मे बड़ा ही हृदय विदारक एवम् मार्मिक...

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Utha_Garhwaliyo Poetry UK Academe

Utha_Garhwaliyo

उठा गढ़बालियों - कविता – उठा गढ़बालियों, अब त समय यो सेण[को नीछ।तजा यीं मोह-निद्रा कू अजौं तैं जो पड़ीं ही छ।अ...

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विरह - कविता – आयो चैतर मास, सुणा दौं मेरी ले सासवण-वणूडें सबी मौली गैन, चीटें मौली गैन घासस्वामी मेरो परदेस ग...

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Kuchh_Nee_Kannee_Sarakaar Poetry UK Academe

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कुछ नी कन्नी सरकार - कविता – ये व्यंग्य रुपी कविता उन अकर्मण्य लोगों को समर्पित है जो कि अपने-आप तो कुछ नहीं...

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Chhaanchh_Chholi_Raudi

छाँछ छोली रौड़ी - कविता – छाँछ छोली रौड़ी,डाँड मा फूल फूल्याँ, आई रितु बौड़ी।खणी जालो च्यूणो,चार दिन होन्द, मन...

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Buro_Sang

बुरो संग - कविता – अकुलौ 1 माँ माया 2 करी, कैकी 3 बी नी पार तरी।बार बिथा सिर थरी , कू रोयेंद ।जख तख मिसे लांद,...

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