छाँछ छोली रौड़ी,
डाँड मा फूल फूल्याँ, आई रितु बौड़ी।
खणी जालो च्यूणो,
चार दिन होन्द, मनख्यों क्वू ज्यूणो।
सड़क की धूम,
द्वि दिनक रंदी, प्यारी जवानी की धूम।
भेरा लीगे भैराक,
द्वि दिन की जवानी प्यारी, बथौं सी हराक।
पाड़ काटे घास,
सदा नी रंदो प्यारी, यो दिन यो मास
आँगूड़ी का तौया,
सदा नी रंदा प्यारी, पाड़ उन्दू छोया।
पड़ बैठे गोणी,
हौर चीज लेणी देणी, ज्वानी फेर न होणी।
लगी जालो तैक,
ज्वानी नो ओणी, मरी जाण हात फट कैक।
गौडी को मखन,
दुनियान मरी जाण, क्या लिजाण यखन।
थोड़ी को मकर,
दुनियान मरी जाण धरती अमर।
गंगा जी को औत
तराजू नौ तोलि लैणी, कै कि माया बौत
खलियाण दाँदो
माया लाँदा तोय मां, तू गंगा को जांदो
राजा जी की राणी
रगडू नो सूकि जाणा, रई स्यलवाणी पाणी
सड़के की ऊँटणी
तेरी मेरी माया सूआ, चूलू की चटणी
मौली जाली दूब
तेरा मन माया लाण, मेरा मन खूब
अंखेड की बूँकू
देणी लेणी फूंडो फूको, मैं माया कू भूकू
झंगोरा की बाल
जवानी भरी, सुरेसी, जैसा गौं का ताल
दाथुड़ा की धार
कखन दीखेणे पंछी, देवता की चार
दूद की जमुन
जनम जनम हूण, मूंगा माया को जनम
धरती अमर
तेरी मेरी माया सूआ, लपलप चमर।
हाती बुणी माणी
माया मसूरी मां लाई, दुटली तो जाणी
मंडुआ की धूंसी
अपना जोबन देखो, आफी ह्वैं छे खूसी
चाँदी को बटण
तोय कैन किकाये सूआ, माया को जतन
झंगोरा की धाण
जै कि माथा घनाघोर, आँखियों माँ पैछाण।