गोरियाऽऽऽऽऽऽ दूदाधारी छै,
कृष्ण अबतारी छै।मामू को अगवानी छै,
पंचनाम द्याप्तोंक भाँणिज छै,
तै बखत का बीच में गढ़ी चम्पावती में हालराई राज जो छन,
अहाऽऽऽऽ! रजा हालराई घर में संतान न्हेंतिन,
के धान करन कूनी राजा हालराई.......! तै बखत में राजा हालराई सात ब्या करनी.....संताना नाम पर ढुँग लै पैद नि भै,
तै बखत में रजा हालराई अठुँ ब्या जो करनु कुनी,
राजैल गंगा नाम पर गध्यार नै हाली,
द्याप्ता नाम पर ढुँग जो पुजिहाली,
...... अहा क्वे राणि बटिक लै पुत्र पैद नि भै....... राज कै पुत्रक शोकै रैगो