“अंचल” अथवा वैदिक विवाह समारोह में, अनुष्ठानों की भूमिका यानी संस्कार सबसे प्रमुख है। वैदिक विवाह के मुख्य अनुष्ठान पाणिग्रहण अथवा कन्यादान, सप्तपदी और अग्नि प्रदक्षिणा या फेरों को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है। इसके अलावा, कुछ छोटे संस्कार विवाह से पहले और बाद में होते हैं। खास बात यह है कि वैदिक मंत्रों के जाप के बीच शादी की सभी रस्में निभाई जाती हैं। संक्षेप में अनुष्ठानों, संस्कारों और कुमाऊं अचल में प्रयुक्त स्थानीय रीति-रिवाजों की प्रकृति का वर्णन करना उचित होगा।