मरसु जिसे आम भाषा में जंगली चौलाई कहा जाता है।, मिंट परिवार में एक सुगंधित जड़ी बूटी है जो मिस्र और अरब में उत्पन्न हुई थी। इसे व्यापक रूप से ओरेगनो भी कहा जाता है। आज, यह आमतौर पर भूमध्य क्षेत्र में पाया जाता है या दुनिया भर के बगीचों में उगाया जाता है। उत्तराखंड में जहा यह बहुत से क्षेत्रों में पाया जाता है वही लोग इसे घर पर भी उगाते है। इसकी विभिन्न प्रकार की प्रजातियां पायी जाती है।
एक पाक योजक के रूप में, इसका उपयोग आमतौर पर सूप, सॉस, सलाद और मांस व्यंजन में स्वाद के लिए किया जाता है। सौंदर्य प्रसाधन, मरसु का उपयोग त्वचा क्रीम, बॉडी लोशन, शेविंग जेल और स्नान साबुन आदि में किया जाता है। चाहे एक आवश्यक तेल, पाउडर, ताजी पत्तियों, या सूखे पत्तों के रूप में उपयोग किया जाता है। मरुआ के पौधे की पहचानमरुआ का पौधा देखने में तुलसी की सी बनावट का होता है। इसकी पत्ती भी तुलसी की तरह ही होती हैं। इस पौधे में छोटे।छोटे फूल लगे होते हैं, जिनकी सोंधी खुशबू से घर का वातावरण भी शुद्ध रहता है।
Kingdom | Plantae |
Clade | Angiosperms |
Order | Caryophyllales |
Family | Amaranthaceae |
Genus | Amaranthus |
Species | A viridis |
Binomial name | Amaranthus viridis |