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अंजीर का वृक्ष छोटा तथा पर्णपाती (पतझड़ी) प्रकृति का होता है।  भूमध्यसागरीय तट वाले देश तथा वहाँ की जलवायु में यह अच्छा फलता-फूलता है। निस्संदेह यह आदिकाल के वृक्षों में से एक है और प्राचीन समय के लोगो का प्रिय फलो मैं से एक था।

अंजीर एक वृक्ष का फल है जो पक जाने पर गिर जाता है, पके फल को लोग खाते हैं। सूखे फल को पीसकर दूध और चीनी के साथ खाते हैं। अंजीर का स्वादिष्ट जैम भी बनाया जाता है। सूखे फल में चीनी की मात्रा 60% तथा ताजे पके फल में 22% होती है। इसमें कैल्सियम तथा विटामिन 'ए' और 'बी' प्रचुर मात्रा मैं होते है।

 

 

इसकी लंबाई ३-१० फुट तक हो सकती है। अंजीर विश्व के सबसे पुराने फलों मे से एक है। यह फल रसीला और गूदेदार होता है। विषेशतः रंग हल्का पीला, गहरा सुनहरा या गहरा बैंगनी होता है। अंजीर अपने सौंदर्य एवं स्वाद के लिए प्रसिद्ध अंजीर एक स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और बहु उपयोगी फल है। यह विश्व के ऐसे पुराने फलों में से एक है, जिसकी जानकारी प्राचीन समय में भी मिस्त्र के फैरोह लोगों को थी। आजकल इसकी पैदावार ईरान, मध्य एशिया और अब भूमध्यसागरीय देशों में भी होने लगी है। विश्व में अंजीर का सबसे पुराना पेड़ सिसली के एक बगीचे में स्थित है।

इस छोटे से फल की अपनी कोई विशेष तेज़ सुगंध नहीं पर यह रसीला और गूदेदार होता है। विभिन्न स्थानों  मैं उगने से ये निर्भर करता है की यह किस तरह का फल होगा, इसे छिलके सहित भी खाने पर ये स्वादिष्ट लगता है।

 

  • यह विश्व का सबसे मीठा फल है। (76% चीनी होने के कारण) दूसरे फलों की तुलना में अंजीर का सेवन खासतौर से डायबिटीज के रोगियों के लिए लाभकारी होता है।
  • सूखे अंजीर में फेनोल, ओमेगा-3, ओमेगा-6 होता है। इससे फैटी एसिड कोरोनरी हार्ट डिजीज के खतरा  कम हो जाता  है।

अंजीर की बहुत सी प्रजातियां है, परन्तु निम्न लिखित  ४ प्रजातियां मुख्य है।

  1. कैप्री फिग
  2. स्माइर्ना
  3. सफेद सैनपेद्रू
  4. साधारण अंजीर

 

भारत में मार्सेलीज़, ब्लैक इस्चिया, पूना, बँगलोर तथा ब्राउन टर्की  की प्रजातियां मख्य है । पाले का प्रभाव इस पर कम पड़ता है क्योकि पर्णपाती वृक्ष होता है। सभी प्रकार की मिट्टी में इसका वृक्ष उपजाया जा सकता है, परंतु दोमट अथवा मटियार दोमट, जिसमें उत्तम जल निकास हो, इसके लिए सबसे श्रेष्ठ मिट्टी है। काम खाद मैं भी अच्छी फसल हो जाती है।  अच्छी फसल के लिए प्रति वर्ष सड़े हुए गोबर की खाद या कंपोस्ट देना लाभदायक होता है। इसे अधिक सिंचाई की भी आवश्यकता नहीं पड़ती। ग्रीष्म ऋतु में फल की पूर्ण वृद्धि के लिए एक या दो सिंचाई बार करना अत्यंत लाभप्रद है।

अंजीर में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है।यह  हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है। अंजीर में पोटैशियम भी अधिक होता है और सोडियम कम होता है इस  कारण  यह उच्चरक्तचाप की समस्या मैं लाभप्रद है।

  • अंजीर के सेवन करने से मधुमेह, सर्दी-जुकाम, दमा और अपच जैसी बहुत सी व्याधियों में भी लाभ मिलता है।
  • अंजीर में फाइबर होने की वजह से ये पेट के लिए अच्छा है| 3 अंजीर के टुकड़ों में 5 gm फाइबर होता है| अंजीर पाचन से जुडी सारी परेशानी दूर करता है|
  • सूखे अंजीर में कैलोरी बहुत कम होती है, क्योकि इसमें फिबर अधिक मात्रा मैं होता है। 1 अंजीर खाने से ४७ के लगभग कैलोरी मिलती है।  तो वजन काम करने के लिए सूखा अंजीर बहुत हे ज्यादा फायदेमंद देखा गया है।
  • यह शरीर में सोडियम पोटेशियम की मात्रा को भी संतुलित करता है, यदि इनका संतुलन बिगड़ जाये तो अंजीर विशेष लाभ पहुँचता है।
  • सूखे अंजीर में एंटीऑक्सीडेंट लेवल अधिक होता है जो खून में विषेले पदार्थ निकालता है जिससे दिल को खतरा होता है, और दिल की पूर्णतया रक्षा होती है|
  • अंजीर खाने से शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी हो जाती है, रोज खाने से यह लगभग 3%कमी पूरी कर देता है।
  • अंजीर पोटैशियम का अच्छा स्रोत है, जो रक्तचाप और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में प्रभावी है।
  • अंजीर में स्थित रेशे वजन को संतुलित रखते हुए मोटापे को कम रखते हैं और स्तन कैंसर और मेनोपॉज की तकलीफ़ों को दूर करने में प्रभावी है।
  • अंजीर में कैल्शियम व आयरन होता है ,कुछ लोग इसे दूध में मिलाकर पीते है जिससे अनीमिया की कमी दूर होती है।
  • गले में खराश व सर्दी की वजह से होने वाले दर्द में सूखे अंजीर को दूध के साथ खाने से गले दर्द में निजात मिलती है।अस्थमा के मरीज को अंजीर व उसके पत्ते का सेवन करना चाहिए| इसमें पोटेशियम होता है जो फायदा देता है, अगर आप इन्सुलिन लेते है तो ये आपको उससे रहत देगा|
  • जुखाम के संक्रमण को अंजीर की मदद से दूर किया जा सकता है| अंजीर के 3-4 टुकड़ों को पानी में उबालें अब से छान कर गुनगुना होने पर सुबह शाम पियें| सर्दी की परेशानी से बहुत जल्द आराम मिलेगा|
  • सुबह खाली पेट अंजीर को गुनगुने पानी के साथ खाएं बवासीर की बीमारी से छुटकारा मिलेगा|
  • अंजीर की खाल का लैप सर में लगाने से सर दर्द दूर होता है, और शरीर के दर्द में आराम दिलाता है।
  • क्योकि अंजीर की फसल मौसमी होती है इसलिए इसके सूखे रूप का ही ज़्यादातर इस्तेमाल होता है, और यह हमेशा बाजार में मिलता है, होता है। अंजीर किसी भी व्यंजन में इस्तेमाल करने पर एक अलग ही स्वाद ला देता है।
  • अंजीर में फाइबर उच्च मात्रा में होता है, जैसे- अंजीर में तीन टुकड़ों में 5 ग्राम फाइबर होता है, जो रोज के 20% ज़रूरत को पूरा करने में समर्थ होता है। इसके नियमित सेवन से कब्ज़ की बीमारी और पेट की समस्या से राहत मिलती है।
  • अंजीर में एंटीऑक्सीडेंट गन होने की वजह से फ्री-रैडिकल्स के क्षति से डी.एन.ए. की रक्षा करता है जिससे कैंसर होने की संभावना बहुत हद तक  कम हो जाती है।
  • प्राचीन काल से सेक्स के लिए उत्तेजना प्रदान करने के लिए अंजीर का सेवन किया जाता रहा है। अंजीर फर्टिलटी (fertility) में सहायता करता है। क्योंकि इसमें जो जिन्क, मैंगनीज, और मैग्नेशियम होता है वह प्रजनन स्वास्थ्य को उन्नत करने में बहुत सहायता करता है।

 

 

 

अंजीर का उपयोग अधिक मात्रा में करने पर इसके नुकसान भी हो सकते हैं इसलिए अंजीर के नुकसान से बचने के लिए इसकी निश्चित मात्रा का सेवन सही तरीके से करना चाहिए

  • अंजीर में फाइबर (High fibber) की मात्रा अधिक होने के कारण अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन करने से आप को दस्त हो सकते हैं
  • सभी को अंजीर लाभ नहीं पहुँचता ,किसी व्यक्ति को अंजीर खाने से एलर्जी भी हो सकती है
  • अंजीर का उपयोग आश्यकता से अधिक करने पर पेट में दर्द और पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
  • ताजे अंजीर को कम मात्रा में ही खाना चाहिए ।
  • अंजीर के बीजों का अत्यधिक सेवन आंतों में दर्द के और लीवर को भी नुकसान पंहुचा  सकता है।
  • अंजीर की तासीर गर्म होने के कारण इसका अधिक मात्रा में सेवन से शरीर में गर्मी का स्तर बढ़ सकता है और नाक से खून निकल सकता है
  • अंजीर में शुगर की उच्च मात्रा होने के कारण मधुमेह से ग्रस्त रोगियों को इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए|

 

Kingdom Plantae
Claden Angiosperms
Cladn Eudicots
Clade Rosids
Order Rosales
Family Moraceae
Genus Ficus
Subgenus Ficus subg. Ficus
Species F. carica
Binomial Name Ficus carica L.