कुमाऊं क्षेत्र के उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले के पवित्र स्थलों में से एक “नंदा देवी मंदिर” का विशेष धार्मिक महत्व है। इस मंदिर में देवी दुर्गा का अवतार विराजमान है। यह समुद्रतल से 7816 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह मंदिर चंद वंश की ईष्ट देवी माँ नंदा देवी को समर्पित है। नंदा देवी माँ गढ़वाल एवं कुमाऊं की मुख्य देवी के रूप में पूजी जाती है। नंदा देवी गढ़वाल के राजा दक्षप्रजापति की पुत्री है, इसीलिए इन्हें पर्वतांचल की पुत्री भी कहा जाता है। माँ नंदा देवी मंदिर की उत्तराखंड में इतनी विषेशता इस कारण भी है, क्योंकि नंदा देवी को “बुराई के विनाशक” और "कुमुण के घुमन्तु" का रूप माना जाता है। इसका इतिहास 1000 साल से भी अधिक पुराना है।
तीर्थयात्री और अन्य पर्यटक वर्ष के किसी भी समय अल्मोड़ा में नंदा देवी मंदिर जा सकते हैं। लेकिन गर्मी के महीने मार्च से जून और वसंत के महीने सितंबर से नवंबर नंदा देवी मंदिर के दौरे के लिए सबसे अच्छा समय है। अल्मोड़ा में सर्दी अधिक होती है और मानसून की बारिश इस मार्ग को थोड़ा सा फिसलन बना देती है।