गोलू देवता या भगवान गोलू कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक और ऐतिहासिक देवता हैं। जिला अल्मोड़ा से 8 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ हाईवे पर न्याय के देवता कहे जाने वाले गोलू देवता का मंदिर स्थित है। इसे चितई ग्वेल भी कहा जाता है। सड़क से चंद कदमों की दूरी पर ही एक ऊंचे तप्पड़ में गोलू देवता का भव्य मंदिर बना हुआ है। मंदिर के अन्दर घोड़े में सवार और धनुष बाण लिए गोलू देवता की प्रतिमा है।
मूल गोलू देवता को गौर भैरव (शिव) के अवतार के रूप में माना जाता है और पूरे क्षेत्र में उनकी पूजा की जाती है। उन्हें भक्तों द्वारा अत्यधिक विश्वास के साथ न्याय करने वाला माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण चंद वंश के एक सेनापति ने 12वीं शताब्दी में करवाया था।
कुमाऊं के कई गांवों में गोलू देवता की प्रमुख देवता के रूप में भी प्रार्थना की जाती है। भगवान गोलू देवता को न्याय के भगवान के रूप में जाना जाता है और बड़े गर्व और उत्साह के साथ प्रार्थना की जाती है।
कुमाऊं के प्रसिद्ध निम्न चार स्थानों में स्थित गोलू देवता का मंदिर स्थित है: