एकता बिष्ट भारतीय महिला क्रिकेट टीम में एकता अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट खेलने वाली उत्तराखंड राज्य की पहली महिला खिलाड़ी बन चुकी हैं। वह बतौर लेग स्पिनर चुनी गई। उत्तराखंड के अल्मोड़ा के खजांची मुहल्ले की निवासी है,पहाड़ों के दुर्गम परिस्थियों और सिमित साधनों के अभाव में भी अपनी मेहनत और लगन के बल पर आखिरकार एकता ने यह संभव कर दिखाया, इनके पिता पूर्व सैनिक कुंदन सिंह बिष्ट और और माता तारा बिष्ट एक गृहणी है। बचपन से ही क्रिकेट के लिए लगन रखने वाली एकता के कोच लियाकत अली ने उन्हें लेफ्ट आर्म स्पिन गेंद करने की प्रैक्टिस करानी शुरू की। अल्मोड़ा ग्रेजुएट की पढ़ाई के दौरान ही विश्वविद्यालय की टीम में उनका चयन हो गया। 2002 से 2006 तक एकता ने उत्तराखंड की टीम में खेला। उसके बाद उत्तराखंड की महिला टीम नहीं बन सकी लेकिन उन्हें उत्तर प्रदेश की टीम से खेलने का मौका मिला। 2005 में उनका चयन भारतीय जूनियर टीम के कैंप के लिए हुआ पर चोटिल होने के कारण उसे वे खेल नहीं सकी।
एकता के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गये प्रदर्शन पर हर्ष जताते हुये पूर्व खिलाड़ियों ने कहा कि बिना किसी अकादमी के और सीमित संसाधनों में मध्यमवर्गीय परिवार की इस लड़की ने देश एवं प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस अवसर पर शहर के लोगों ने कहा कि उन्हें गर्व है कि एकता का संबंध अल्मोड़ा से है। एकता के लिये सभी से मिल रही ये सराहना कभी न भूूल पाने वाला सुखद अनुभव की तरह है।
चार देशों की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बाएं हाथ की इस स्पिनर गेंदबाज के उत्कूष्ठ प्रदर्शन ने भारत को जीत दिलाई और वह प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से नवाजी गयीं। एकता ने अंतिम मुकाबले में 8 ओवर में 4 मेडेन फेंके और 15 रन देकर तीन विकेट छटके।
एकता बताती हैं, "मैंने 16 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना आरम्भ कर दिया था। अपने इंग्लैण्ड के अनुभवों को साझा करते हुए।" उन्होंने बताया कि वहां की तुलना में यहां खिलाड़ियों पर इतना अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है और न हे सुविधाएं पदान की जाती है। अल्मोड़ा की स्थानीय निवासी होने के चलते उनके यह एक अच्छा स्टैडियम तक नहीं है, ना ही किसी प्रकार की सुविधाएं राज्य सरकारों द्वारा दी गयी है। सरकारों को इस दिशा में गंभीर होना होगा। क्रिकेट में उत्तराखण्ड की लड़कियों का भविष्य कठिन है। निम्न मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी एकता मानती हैं कि संसाधनों के अभाव में सफलता को पाना कठिन है पर असंभव नहीं।