Ekta Bisht

Ekta_Bisht
  • 3 Nov
  • 2019

Ekta Bisht

एकता बिष्ट भारतीय महिला क्रिकेट टीम में एकता अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट खेलने वाली उत्तराखंड राज्‍य की पहली महिला खिलाड़ी बन चुकी हैं। वह बतौर लेग स्पिनर चुनी गई। उत्तराखंड के अल्मोड़ा के खजांची मुहल्ले की निवासी है,पहाड़ों के दुर्गम परिस्थियों और सिमित साधनों के अभाव में भी अपनी मेहनत और लगन के बल पर आखिरकार एकता ने यह संभव कर दिखाया, इनके पिता पूर्व सैनिक कुंदन सिंह बिष्ट और और माता तारा बिष्ट एक गृहणी है। बचपन से ही क्रिकेट के लिए लगन रखने वाली एकता के कोच लियाकत अली ने उन्हें लेफ्ट आर्म स्पिन गेंद करने की प्रैक्टिस करानी शुरू की। अल्मोड़ा ग्रेजुएट की पढ़ाई के दौरान ही विश्वविद्यालय की टीम में उनका चयन हो गया। 2002 से 2006 तक एकता ने उत्तराखंड की टीम में खेला। उसके बाद उत्तराखंड की महिला टीम नहीं बन सकी लेकिन उन्हें उत्तर प्रदेश की टीम से खेलने का मौका मिला। 2005 में उनका चयन भारतीय जूनियर टीम के कैंप के लिए हुआ पर चोटिल होने के कारण उसे वे खेल नहीं सकी।

 

 

  • नवंबर 2009 में उन्होंने उप्र की ओर से खेलते हुए आठ ओवर में बगैर कोई रन दिए तीन विकेट लिए। विदर्भ के खिलाफ एक अन्य मैच में उन्होंने 13 रन देकर पांच विकेट लिए यह उनका अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन है।
  • मध्य प्रदेश के खिलाफ भी एकता ने 10 ओवर में नौ रन देकर तीन विकेट लिए। 26 फरवरी 2010 को बंगलूरू में इंग्लैंड के खिलाफ बोर्ड एकादश की तरफ से खेलते हुए एकता ने 10 ओवर में 40 रन देकर एक विकेट लिया।
  • प्रतियोगिताओं के आधार पर उनका चयन 2010 में महिला क्रिकेट टी20 विश्व कप के लिए संभावित 30 खिलाड़ियों में हुआ लेकिन तब वह अंतिम 15 खिलाड़ियों में स्थान नहीं पा सकी।
  • इस बार उन्हें अंतिम 15 खिलाड़ियों में शामिल कर लिया गया है। एकता एक अच्छी फिल्डर मानी जाती हैं जिससे उनकी संभावनाएं अच्छी मानी जा रही हैं। एकता अब तक भी अपने कोच लियाकत अली के निर्देशन में अल्मोड़ा स्टेडियम में ही प्रैक्टिस किया करती थी।
  • बाएं हाथ की लैगस्पीनर और बल्लेबाज एकता ने अब तक खेले कुल तीन मैचों में 5 विकेट हासिल किए हैं। और 28 ओवरों में से उन्होंने 6 ओवर में एक भी रन नहीं दिया और 2।92 की किफायती दर से कव्वल 82 रन खर्च किए।
  • न्यूजीलैंड के खिलाफ 15 रन देकर तीन विकेट हासिल करने वाली एकता को मैन ऑफ दी मैच भी चुना गया था। उन्होंने अब तक केवल एक ही ट्वेंटी 20 मैच खेला है। एकता ने घरेलू क्रिकेट का सफर 2006-07 में उत्तर प्रदेश महिला टीम में जगह बनाने के साथ शुरू किया था और पहले क्रिकेट सीजन में ही वह अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रही थीं।
  • इंग्लैंड दौरे से उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कॅरियर शुरू हुआ और दूसरा, इसी दौरे के दौरान उन्हें रेलवे में नौकरी मिलने की खुशखबरी भी मिली। एकता को खिलाड़ी कोटे से हेड क्लर्क बनाया गया है। लेकिन आगरा में नियुक्ति मिलने के कारण उन्होंने अभी ज्‍वाइन नहीं किया है। दरअसल एकता ने रेलवे में आवेदन भेज आग्रह किया है कि उन्हें आगरा की जगह कानपुर में नियुक्ति दी जाए ताकि वे अपना अभ्यास जारी रख सकें।
  • अल्मोड़ा की एकता बिष्ट ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम में न सिर्फ अपनी जगह बनाई बल्कि इंग्लैंड के साथ हुये मैच में बेहतर प्रदर्शन कर टीम को जीत तक पहुंचाया। इसके लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' का खिताब मिला।

 

 

एकता के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गये प्रदर्शन पर हर्ष जताते हुये पूर्व खिलाड़ियों ने कहा कि बिना किसी अकादमी के और सीमित संसाधनों में मध्यमवर्गीय परिवार की इस लड़की ने देश एवं प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस अवसर पर शहर के लोगों ने कहा कि उन्हें गर्व है कि एकता का संबंध अल्मोड़ा से है। एकता के लिये सभी से मिल रही ये सराहना कभी न भूूल पाने वाला सुखद अनुभव की तरह है।
चार देशों की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बाएं हाथ की इस स्पिनर गेंदबाज के उत्कूष्ठ प्रदर्शन ने भारत को जीत दिलाई और वह प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से नवाजी गयीं। एकता ने अंतिम मुकाबले में 8 ओवर में 4 मेडेन फेंके और 15 रन देकर तीन विकेट छटके।

एकता बताती हैं, "मैंने 16 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना आरम्भ कर दिया था। अपने इंग्लैण्ड के अनुभवों को साझा करते हुए।" उन्होंने बताया कि वहां की तुलना में यहां खिलाड़ियों पर इतना अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है और न हे सुविधाएं पदान की जाती है। अल्मोड़ा की स्थानीय निवासी होने के चलते उनके यह एक अच्छा स्टैडियम तक नहीं है, ना ही किसी प्रकार की सुविधाएं राज्य सरकारों द्वारा दी गयी है। सरकारों को इस दिशा में गंभीर होना होगा। क्रिकेट में उत्तराखण्ड की लड़कियों का भविष्य कठिन है। निम्न मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी एकता मानती हैं कि संसाधनों के अभाव में सफलता को पाना कठिन है पर असंभव नहीं।