Common Peacock Butterfly

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  • 17 Apr
  • 2020

Common Peacock Butterfly

कॉमन पीकॉक बटरफ्लाई, उत्तराखंड की राज्य तितली है। यह वैज्ञानिक रूप से बियानोर पापिलियो (Papilio bianor) के नाम से भी जाना जाता है। इसकी तीन उप-प्रजातियां पश्चिम हिमालयन कॉमन मोर, ईस्ट हिमालयन कॉमन मोर और इंडो-चाइनीज कॉमन मोर के नाम से भी जानी जाती हैं। 7 नवंबर, 2016 को उत्तराखंड के वन्य जीव बोर्ड ने कॉमन पीकॉक को उत्तराखंड की राज्य तितली का घोषित किया।

 

  • उत्तराखंड में तितलियों की लगभग 500 प्रजातियाँ पायी जाती हैं, जिनमें से एक कॉमन पीकॉक है।
  • यह एक दुर्लभ प्रजाति की तितली है। यह ज़्यादातर पर्वतीयों क्षेत्रों में पायी जाती है। यह हिमालय में 1000-2000 मीटर तक की तलहटी में पाई जाने वाली सबसे सुंदर और आकर्षक तितलियों में से है। इसका आकार लगभग 90-130 मिमी तक होता है।
  • इस तितली का नाम कॉमन पीकॉक बटरफ्लाई इसलिए रखा गया क्योंकि इसका रंग मोर की गर्दन की तरह होता है। कॉमन पीकॉक बटरफ्लाई के आगे के पंख काले और बाहरी किनारे पर हरे रंग की पट्टी होती है। इनके नीचे का हिस्सा गहरे भूरे रंग का होता है व नसें काली होती हैं।
  • भीमताल स्थित बटर फ्लाई संग्रहालय के संचालक पीटर स्मैटाचक कहते हैं कि कॉमन पीकॉक के पंखों में पाया जाने वाला हरा और नीला रंग वास्तविक नहीं होता है बल्कि यह पंख पर सूर्य की रोशनी पड़ने के
    कारण ऐसा दिखाई देता है।
  • कॉमन पीकॉक बटरफ्लाई की एक खासियत यह भी है कि यह हमेशा तिमूर के पेड़ पर ही अंडे देती है व तिमुर के पत्ते खाकर ही अपना जीवन गुजारती है। नर के अग्रभागों पर काले बाल होते हैं, जिनमें मादा
    का अभाव होता है।
  • इस तितली को मार्च-अक्टूबर के मध्य देखा जा सकता है। साथ ही, इस तितली का जीवन काल डेढ़ महीने तक का ही होता है।

 

भारत के राज्यों में यह हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, हरियाणा और पंजाब में भी पायी जाती हैं। उत्तराखंड, तितली को राज्य चिन्ह में शामिल करने वाला देश का दूसरा राज्य है। इससे पहले महाराष्ट्र में ब्लू
मॉर्मन को राज्य तितली घोषित किया गया था। 1996 में लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स ने कॉमन पीकॉक को सबसे सुन्दर तितली का पुरस्कार दिया।

 

पहाड़ी राज्य में पाई जाने वाली तितलियों की प्रजातियों को लोकप्रिय बनाने के लिए, सरकार ने गढ़वाल (देहरादून) और कुमाऊँ (नैनीताल) क्षेत्रों में दो तितली पार्क स्थापित किए हैं। मयूर तितलियों को अक्सर बगीचों, वुडलैंड क्षेत्रों और जंगलों के किनारों पर देखा जा सकता है। राज्य की तितलियों के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बटरफ्लाई पार्कों का निर्माण किया जा रहा है। जैसे कि 2016 में, उत्तराखंड के देहरादून लच्छीवाला में एक बटरफ्लाई पार्क खोला गया। यहाँ पर भी कॉमन पीकॉक को देखा जा सकता है।

इसकेअलावा नैनीताल के बॉटिनिकल गार्डन को भी बटरफ्लाई पार्क के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इसस तितलियों को तो संरक्षित किया ही जा सकेगा, साथ ही राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।